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डही विकासखंड में बदहाल व्यवस्था, जिम्मेदारों की चुप्पी भ्रष्टाचार की ओर करती इशारा

बदहाल व्यवस्था, जिम्मेदारों की चुप्पी भ्रष्टाचार की ओर करती इशारा

अधूरे आवासीय छात्रावास खंडहर में होते तब्दील

धार जिले के अन्तिम छोर पर बसा आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड डही क्षेत्र के आदिवासी समाज के बच्चो की शिक्षा को लेकर उज्वल भविष्य हो की मंशा रखते हुए शासन द्वारा लाखो रुपए की लागत से आवासीय छात्रावास ,आश्रम भवनों का निर्माण कराए गये है अधिकतर संचालित भी हो रहे है। क्योंकि शिक्षा से ही बच्चो का सर्वांगीण विकास होना सम्भव है। शिक्षित वर्ग देश को विकास की राह में ले जाने में अग्रसर होते है परन्तु विचारणीय बात यह है कि आदिवासी समाज के विकास की आड़ में यहां भवन निर्माण में बरती गई अनियमितता सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है।

वर्षो से अधूरे पड़े भवन निर्माण कार्य जिसकी आज तक किसी ने सूध तक नहीं ली। डही मुख्यालय पर ही जूनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास के अलावा अन्य स्थालो पर भी पूर्व से निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्ष वर्षो व्यतित हो गए परन्तु आज भी अधूरे पड़े होकर खंडहर में तब्दील हो ने की कगार पर हैं। वही क्षेत्र की बात करे तो सरकार द्वारा क्षेत्र के अनेक ग्रामीण इलाकों के छात्रावासो और,आश्रमो में पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था को लेकर हजारों रू की लागत के सोलर पम्प लगाए गए थे। कई स्थलो पर यह पम्प वर्षो से बन्द पड़े हैं और सरकार के हजारों रुपए की लागत से खरीदे गए सोलर पम्प पर धूल मिट्टी का साम्राज्य स्थापित हुआ पड़ा है। ग्राम पंचायत किकरावास में शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम में सोलर पम्प लगाए गए थे वह वर्षो से बन्द पड़ा है ग्राम सिंध्यापनी मे आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अ ज जा कन्या आश्रम सिंध्यापानी में बगर बीम कालम से भवन कक्षों का निर्माण किया जा रहा था वह भी अधूरे पड़े हुए है यही पर अजजा कन्या आश्रम में पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर शासन द्वारा स्वचलित चार पैनल वाला सोलर पम्प स्थापित किया गया था।

अधीक्षिका ने बताया कि यहां वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान एक पैनल चोरी में चला गया। मात्र तीन पैनल शेष बचे है। एक पैनल की कमी के कारण पम्प बंद पड़ा है जिसकी जानकारी तत्कालीन विभागीय अधिकारी को कार्यलय पर जाकर दे दी गई थी परन्तु स्थति ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। ऐसी ही स्थितिया क्षेत्र के और भी अनेक स्थलो पर निर्मित है। यहां सत्तारूढ़ पार्टी को कयास लगाना चाहिए कि इस क्षेत्र के विकास को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई गई हैं। इसके उपरान्त भी क्षेत्र के मतदाता आखिरकार भाजपा को वोट क्यों नहीं देते को लेकर चिंतन ही नहीं वल्कि चिन्ता करने का विषय है।

यहां क्षेत्र के विकास को लेकर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। विकास के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए आते हैं। इसके बावजूद भी क्षेत्रवासी की आर्थिक स्थिति मे बदलाव क्यो नहीं हुआ। आज भी अनेक ग्रामीणजन अपने पेट में उठने वाली भूख की ज्वाला को शान्त करने हेतु अन्यंत्र प्रांतों में मजदूरी करने जाते हैं। मोहन जी यादव सरकार इस ओर ध्यान दे और क्षेत्र में शिक्षा के साथ अन्य विभागों द्वारा कराए गए विभिन्न विकास कार्यों की भी समीक्षा कराए।

इनका कहना है।

मैं अभी ट्रांसफर होकर आया हूं नया होने के कारण मेरी जानकारी मे नही है आपने बताया है मैं वहा जाकर निरीक्षण करने के पश्चात वरिष्ठ कार्यालय को अवगत करा दिया जाएगा।
पी.के.माथुर
खण्ड शिक्षा अधिकारी वि.ख.डही जिला धार

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