मप्र सरकार की नई आबकारी नीति, सस्ती हो गई शराब,अब घर में रख पाएंगे 4 पेटी बीयर- 24 बॉटल शराब।
मध्य प्रदेश सरकार की आबकारी नीति 2022-23 में अंग्रेजी शराब की खुदरा कीमतें 20 फीसदी तक कम की गई हैं. इसके अलावा सरकार ने राज्य के सभी हवाई अड्डों पर तथा 4 बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के सुपर मार्केट में शराब की खुदरा बिक्री की मंजूरी दे दी है. मजेदार है कि सरकार ने घर पर बार खोलने की इजाजत भी दे दी है.वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) खत्म होने में अब ढाई महीने से भी कम समय बचा है. नया वित्त वर्ष शुरू (New Financial Year) होते ही कई नियम बदल जाते हैं. राज्य सरकारें आम तौर पर हर वित्त वर्ष में आबकारी नीति (Excise Policy) में बदलाव करती है. मध्य प्रदेश के लोगों के लिए इस बार आबकारी नीति (MP New Excise Policy) में कई बड़े बदलाव होने वाले हैं. इस सप्ताह मंत्रिमंडल से मंजूर हुई नीति के लागू होते ही प्रदेश में अंग्रेजी शराब सस्ती हो जाएगी. इसके साथ ही घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ने वाली है. एक अप्रैल से मध्य प्रदेश के लोग घर में 4 पेटी बीयर और 24 बॉटल शराब रख सकेंगे।
इतनी सस्ती होगी शराब, घर पर खोल सकेंगे बार।
मध्य प्रदेश सरकार की आबकारी नीति 2022-23 में अंग्रेजी शराब की खुदरा कीमतें 20 फीसदी तक कम की गई हैं. इसके अलावा सरकार ने राज्य के सभी हवाई अड्डों पर तथा 4 बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के सुपर मार्केट में शराब की खुदरा बिक्री की मंजूरी दे दी है. मजेदार है कि सरकार ने घर पर बार खोलने की इजाजत भी दे दी है। हालांकि ये मंजूरी सिर्फ उन्हें मिलेगी, जिनकी सालाना इनकम (Annual Income) 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसके लिए 50 हजार रुपये का सालाना शुल्क भरना होगा।
4 गुना बढ़ गई घर पर शराब रखने की लिमिट।
नई आबकारी नीति में जिला स्तरीय उच्चाधिकार के पास जरुरत पड़ने पर शराब की दुकानों का स्थान बदलने का अधिकार दिया गया है. इस समिति में जिला अधिकारी और विधायक शामिल होते हैं. सरकार ने लोगों के लिए घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ा दी है. अभी राज्य में घर पर 1 पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की इजाजत है. इस लिमिट को 4 गुना बढ़ाया गया है।
एक ही दुकान पर मिलेगी देसी और अंग्रेजी शराब।
राज्य सरकार के सामने शराब की नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव भी आया था, जिसे कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल पाई. अभी राज्य में देसी शराब की 2544 और अंग्रेजी शराब की 1061 दुकानें हैं। नई नीति में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब देसी और अंग्रेजी शराब के लिए अलग दुकानें नहीं होंगी। शराब की सभी दुकानों पर दोनों किस्मों की एक साथ बिक्री की जा सकती है. इस फैसले के बाद अब एक ही दुकान पर भारत निर्मित अंग्रेजी शराब, देसी शराब और बीयर की बिक्री की जा सकेगी।
इन शहरों में खुलेंगी माइक्रोब्रीवरीज।
सरकार की नई नीति में पर्यटन स्थलों पर ईको पर्यटन बोर्ड और पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित अस्थाई दुकानों को रियायती दर पर बार का लाइसेंस दिया जा सकता है. अब राज्य के दो शहरों भोपाल और इंदौर में माइक्रोब्रीवरीज (Microbrewries) भी खोली जा सकेंगी. माइक्रोब्रीवरीज में सीमित मात्रा में बीयर तैयार की जाती है और वहीं पीने के लिए मुहैया कराई जाती है। अभी इस तरह की सुविधा देश के कुछ बड़े शहरों तक सीमित थी. मध्य प्रदेश में पहली बार इसकी शुरुआत हो रही है।
अब जामुन से भी बनाई जाएगी शराब।
सरकार ने नई नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही किसानों के द्वारा अंगूर से तैयार शराब को शुल्क मुक्त कर दिया गया है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में घोषित विरासत शराब नीति में आदिवासियों को पारंपरिक तरीके से महुआ के फूलों से शराब बनाने और बेचने का अधिकार दिया गया था।