प्रदेश में रबी फसलों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन 15 अप्रैल से
चार हज़ार खरीदी केंद्र बनेंगे
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलना संभावित है। इसके बाद 15 अप्रैल से प्रदेश में रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 31 मई तक उपार्जन कार्य समाप्त कर लेना है। समय कम है। अतः ऐसी व्यवस्था करें, जिससे किसानों की गेहूं, चना, सरसों और मसूर फसलें समर्थन मूल्य पर सुगमता से खरीदी जा सकें। श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश में अधिक से अधिक खरीदी केंद्र खोले जाएं। इन केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार अन्य विभागों के अमले की सेवाएँ भी ली जाएं। श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संकट के चलते इंदौर, भोपाल, उज्जैन के शहरी केंद्रों पर 15 अप्रैल से उपार्जन प्रारंभ नहीं हो पाएगा।
मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रबी उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
मिशन के रूप में करें खरीदी कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि करोना संकट के चलते इस बार रबी उपार्जन कार्य को एक मिशन के रूप में किया जाना है। इससे जुड़ा शासकीय अमला, सहकारी समितियां, मजदूर, हम्माल आदि सभी पूरे सेवा भाव से समर्थन मूल्य खरीदी का कार्य करें।
एसएमएस मिलने पर ही आएं किसान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खरीदी केंद्रों पर भीड़ न लगे, इस बात का इस बार विशेष विशेष ध्यान रखा जाना है। इसके लिए यह आवश्यक है कि किसानों को एसएमएस. और अन्य सूचना माध्यमों से सूचना दी जाए कि उन्हें किस दिन खरीदी केंद्र पर फसलें बेचने आना है। किसान उसी दिन अपनी फसल बेचने ख़रीदी केंद्र पर आएं।
समर्थन मूल्य पर 100 लाख एमटी गेहूं की खरीदी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस बार लगभग 100 लाख एमटी गेहूं तथा 10 लाख एमटी चना, मसूर, सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जानी है। श्री चौहान ने निर्देश दिये कि खरीदी केंद्रों पर बारदाना, हम्माल, मजदूर, परिवहन भंडारण आदि सभी व्यवस्थाएं अच्छी से अच्छी की जाएं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष परिवहन की बहुत समस्या आई थी। श्री चौहान ने इस बार परिवहन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कहा। उन्होने कहा कि जिन पुराने परिवहन कर्ताओं के रिकॉर्ड खराब हैं, उन्हें इस बार न लगाया जाए।
पी पी बैग्स से होगा उपयोग
प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि जूट के बोरों की अनुपलब्धता के कारण इस बार पीपी बैग में ही खरीदी का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 64 लाख मीट्रिक टन खरीदी के लिए पीपी बैग उपलब्ध हैं। साइलो केंद्रों में खरीदी क्षमता 9 लाख टन है। पीपी बैग्स खरीदी के आदेश जारी किए जा चुके हैं। प्रदेश में 115 लाख मीट्रिक टन रबी फसलों की खरीदी के लिए पीपी बैग्स की व्यवस्था कर रहे हैं।
4 हज़ार समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र
श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया गत वर्ष प्रदेश में 3545 खरीदी केंद्र थे, जिन्हें बढ़ाकर इस वर्ष 3813 कर दिया गया है। इसके अलावा नए केंद्र भी बनाए जा रहे जा रहे थे। कुल खरीदी केंद्रों की संख्या 4000 तक हो जाएगी।