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देवपथलिंग मन्दिर एवं माँ नर्मदा घाट निर्माण समिति ओर कोटेश्वर नर्मदा बहुउद्देशीय सेवा संस्थान ने दान देने वाले 260 से अधिक दान दाताओं को किया सम्मानित

देवपथलिंग मन्दिर एवं माँ नर्मदा घाट निर्माण समिति ओर कोटेश्वर नर्मदा बहुउद्देशीय सेवा संस्थान ने दान देने वाले 260 से अधिक दान दाताओं को किया सम्मानित

बोधवाड़ा| माँ नर्मदा घाट निर्माण में सहयोग करने वाले दान दाताओं एवं प्रेरकों का माँ नर्मदा के तट पर स्थित देवपथलिंग मन्दिर प्रांगण में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन और कन्या भोजन कर प्रारम्भ किया गया समारोह में दान दाताओं एवं घाट निर्माण में सहयोग करने वाले 260 से अधिक दानदाताओं को सम्मानित किया।

परम पूज्य प्रवीण जी शर्मा बड़दा मंदिर के प्रमुख संत मंच पर उपस्थित थे कार्यक्रम के अध्यक्षता गजानन्द यादव के द्वारा की गई कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मेघा पाटकर, घाट निर्माण के प्रमुख मोहन पाटीदार भवरिया मंदिर के पुजारी परम पूज्य तोताराम यादव , रामलाल मुकाती, राम नारायण मोदी कुक्षी विशिष्ट अतिथि के रूप के रूप में मंच पर विराजित थे ।कार्यक्रम में अतिथियों ने सम्बोधित किया गया जिसमें मुख्य रूप से प्राचीन देवपथलिंग मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और यह हमारा सौभाग्य है कि जिस पुण्य भूमि पर एक पावन एवं अतिसुन्दर घाट का निर्माण मात्र 13 दिनों में हुवा है। यंहा माँ नर्मदा की कृपा साक्षात बह रही है ओर यह कार्य सम्भव हो पाया है हमारे दान दाताओं महानुभावों के कारण जिनका सहयोग न केवल आर्थिक बल्कि आध्यत्मिक भी है। माँ नर्मदा उन समस्त समयदानी एवं अर्थदानियो पर खूब खूब कृपा बरसाते रहे। स्वागत भाषण डॉक्टर देवेन्द्र यादव ने किया, अभिनंदन पत्र का वाचन सन्तोष यादव ने किया ओर मंच का संचालन महेन्द्र कामदार ने किया आभार भुपेन्द्र यादव ने माना । इस कार्यक्रम में मुख्य रप से देवेन्द्र पाटीदार धुलसर, भगवान पाटीदार, मुकेश पाटीदार, हरिराम यादव, कमल यादव, गणेश यादव, भागीराम यादव, दिनेश चंद्र शर्मा, गजानन्द यादव, श्रीराम पाटीदार, सरपंच विप्लव मुजाल्दा ओर सैकड़ो की संख्या में नर्मदा भक्त उपस्थित रहे।

60 फीट चौड़ा और 250 फीट लंबा घाट मात्र 11 लाख रुपए की लागत से केवल 13 दिनों में बनकर तैयार हो गया।

सरदार सरोवर डैम के बैकवॉटर से डूब में मंदिर का रास्ता डूब जाता है जिससे श्रद्धालु लगभग तीन महीने तक मंदिर तक नहीं पहुंच पाते ,इसके लिए समिति के द्वारा एक पृथक से रास्ता बना दिया गया । अब क्षेत्र के श्रद्धालु 12 महीना मंदिर दर्शन कर सकते हैं भविष्य में यहीं पर एक सुंदर बगीचा एवं धर्मशाला का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

आगे के कार्यों को मूर्ति रूप देने में दानदाताओं का सहयोग आवश्यक है अभी जो कार्य हुए हैं वह दानदाताओं के दान से ही संभव हो पाए। कार्यक्रम पश्चात भंडारे का आयोजन समिति के द्वारा रखा गया।

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