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गुटबाजी के चक्रव्यूह में उलझी भाजपा समर्थित डही नगर परिषद पार्षदों के आरोपों पर सीएमओ का पलटवार   

गुटबाजी के चक्रव्यूह में उलझी भाजपा समर्थित डही नगर परिषद 

परिषद में आपसी खींचतान नगर विकास में बाधित 

पार्षदों के आरोपों पर सीएमओ का पलटवार 

कहते है सांडो की लड़ाई में बाघड़ का घांड वाली कहावत डही नगर परिषद में चरितार्थ हो रहीं हैं। आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा हैं। जिसका खामियाजा नगर की जनता भुगत रही हैं। भाजपा समर्थित नगर परिषद डही में कई दिनों से उथल पुथल मची हुई हैं। आये दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो रहा हैं। कुछ दिनों पूर्व पशु बाजार ठेके को लेकर मामला गहराया था। अभी उसका पूर्ण निराकरण नहीं हुआ और कुछ पार्षदों ने जिनमें नगर परिषद उपाध्यक्ष भी शामिल हैं ने सीएमओ की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने के लिए धरना प्रदर्शन की नौबत आ गई।

ऐसा जान पड़ता है कि नगर परिषद के जिम्मेदारों वो चाहें जनता के द्वारा चुने हुए जन प्रतिनिधि हो या फिर अधिकारी कर्मचारी इनको नगर के विकास, व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि अगर इन्हें नगर के विकास से मतलब होता तो आपस मे बैठकर कोई रास्ता निकाल लेते पर पुरे नगर में नगर परिषद के मामले चर्चित हो गए हैं। अब बात करें नगर परिषद चलने वालों की तो हकीकत किसी से छिपी नहीं है। भाजपा समर्थित नगर परिषद खुले तौर पर दो गुटों में बट चुकी हैं एक अध्यक्ष गुट दूसरा उपाध्यक्ष गुट। नगर परिषद में चल रही इस गुटबाजी का खामियाजा डही नगर की जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। सीएमओ को हटाने के लिए नगर परिषद में भाजपा के पार्षद जो धरने पर बैठने वाले थे उनमें भी फुट नजर आ रही है। धरना स्थल पर चार पांच पार्षद ही नजर आए। इसका मतलब सीधा हैं कि भाजपा के बाकी पार्षद सीएमओ की कार्य प्रणाली से संतुष्ट हैं। वो तो समय रहते भाजपा संगठन ने वरिष्ठ पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश धाडीवाल और जिला पंचायत सदस्य चंचल पाटीदार को बातचीत से मामला संभालने के लिए डही भेजा और उन्होंने बखूबी अपने कार्य को अंजाम दिया अन्यथा बदनामी तो भाजपा की होती इसमें कोई संदेह नहीं। बागी पार्षदों का आरोप है कि हम से किसी भी कार्य के विषय में पूछा नहीं जाता। नगर में जल प्रदाय ठप्प है। अनियमिताएं की जा रही है, मनमानी तरीके से कार्य किए जा रहे हैं तो एक सवाल ये भी उठता है कि नगर परिषद अध्यक्ष क्यों मौन है? शायद वे सीएमओ की कार्य प्रणाली से संतुष्ट हैं और वे उनके साथ है। सिंघम टाईम्स संवाददाता ने नगर परिषद सीएमओ रमेश चंद्र सतपुड़ा से इस मामले में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि परिषद के पाँच पार्षदों द्वारा मुझ पर लगाये गये आरोप असत्य एवं झुठे है। नगर परिषद डही में बीते दिवस हुई परिषद/पी.आई.सी. की बैठक में नगर हित के प्रस्ताव पेयजल समस्या एवं ट्रासंफार्मर क्रय/ रिपेयरिंग में निकाय के पाँच पार्षदों द्वारा नगर हित के बहुमुल्य प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नही किये गये। इनकी मंशा से यह सिद्ध होता है कि यह नगर के विकास में अपनी भागीदारी नही देना चाहते है व इस तरह का धरना प्रदर्शन कर लोगो को गुमराह किया जाकर यह बताना चाहते है कि निकाय के अधिकारी / कर्मचारी हमारी नही सुनते है। जबकि एक ओर निकाय परिषद व शासन बीजेपी की होने के बावजुद भी इनका यह कहना कि हमारी निकाय में कोई नही सुनता, जो इनकी कार्यशैली व स्वभाव को दर्शाता है। जबकि निकाय में 11 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के होने व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भी इन्हीं की पार्टी के होने के बावजुद भी काम नही होना बताते है, एक ओर देखा जाये तो कुल 11 बीजेपी पार्षदों को धरना प्रदर्शन में शामिल होना था, किन्तु पाँच ही पार्षद क्यों? उन्होंने आगे बताया कि मेरे कार्यकाल में मेरा नगर हित में काम करना सर्वप्रथम रहा तथा शासन की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं को नगर के प्रत्येक नागरिकों तक पहुँचाना तथा लाभ दिया जाना रहा है बाद निकाय कर्मचारीयों को प्रति माह की 1 तारीख को वेतन भुगतान, किया गया है। जबकि, मेरे कार्यकाल पुर्व इस निकाय में कर्मचारीयों को 10 से 15 तारीख में वेतन का भुगतान किया जाता था। साथ ही भारत सरकार द्वारा संचालित स्वच्छता सर्वेक्षण में निकाय ओ.डी.एफ.++ के साथ 1 स्टार मिला है व सीएम हेल्पलाईन में नगर डही की रैंकिंग A Grade पर रही है।

वर्तमान निकाय में संचालित नर्मदा जल आर्वधन योजनान्र्तगत से सम्पूर्ण निकाय क्षेत्र में पेजयल वितरण किया जा रहा था, किन्तु नर्मदा नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने से नर्मदा नदी पर स्थित इंटेकवेल के समीप ट्रासंफार्मर के जलने के तत्काल बाद रिजर्व ट्रासंफार्मर लगाया गया वो भी 24 घण्टे में जल गया के उपरांत भी वर्तमान में किराये पर ट्रासंफार्मर की उपलब्धता की गई किन्तु इंटेकवेल में स्थापित पाईप लिकेज होने व नर्मदा नदी का जलस्तर 20 से 25 फिट जमा होने से पाईप लाईन रिपेयरिंग का कार्य किया जाना संभव नही है। वर्तमान में उक्त समस्या के दृष्टिगत निकाय द्वारा श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कुक्षी के इस बाबद् मेरे द्वारा चर्चा उपरांत पी.एच.ई. विभाग को पत्र जारी कर समस्त वार्डों में सत्त पेयजल आपूर्ति की जा रही है। पी.आई.सी. के सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पर समय पर हस्ताक्षर कर दिये जाते तो दोनों ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग कर इंटेकवेल पर वापस स्थापित किये जाते व जिसका निकाय को अतिरिक्त भार नही पड़ता। इनके द्वारा मेरा निकाय में उपस्थित नही होना बताया गया है, जो असत्य है मेरे द्वारा निकाय में प्रतिदिन उपस्थिति के साथ सम्पूर्ण कार्य करवाये जा रहे है।

फिलहाल मामला गर्म है असंतुष्ट पार्षद भाजपा पार्षद भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी के साथ इस विषय पर कलेक्टर धार प्रियंक मिश्रा से मुलाकात कर आए हैं। अब देखना है कि यह तमाशा कब तक चलेगा और कब इसका पटाक्षेप होगा। गुटबाजी के इस खेल में कौन सा गुट किस पर भारी रहेगा। ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।

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