बी पेक्स डही की वार्षिक साधारण सभा मात्र खानापूर्ति के साथ संपन्न
बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति डही की साधारण सभा केवल खानापूर्ति के साथ संपन्न हुई।
पूर्व प्रबंधक श्री नरेंद्र सिंह गोहिल एवं अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की पूजा कर साधारण सभा शुरु की गई। समिति प्रशासक प्रवीण कुमार जैन द्वारा संस्था का वार्षिक आय व्यय का लेखा झोखा प्रस्तुत किया गया। जिसमें व्यापार में लाभ बताया गया और संस्था आल ओवर कार्यों में नुकसान बताया गया। प्रति वर्ष संस्था के समस्त अंशधारियों को सूचित किया जाता हैं किंतु इस बार कई सदस्यों को सुचना नहीं दी गई। जिससे नाराजगी देखी गई। साधारण सभा में नाम मात्र के सदस्य उपस्थित हुए। कई कुर्सियां खाली पड़ी रही।
खाली पड़ी कुर्सियों पर संस्था कर्मचारियों ने बैठ कर खाना पूर्ति करने की कोशिश की। अंशधारी सदस्य और पूर्व डायरेक्टर कैलाश मालवीया ने कालातीत सदस्यों की सूची चस्पा करने पर बताया कि ऋण माफी के समय सरकार ने किसानों की गारंटी ली थीं और ऋण माफी की घोषणा की थी तो सरकार इसकी ज़िम्मेदार हैं। कालातीत किसानों की सूची चस्पा कर उन्हें बेइज्जत किया जा रहा हैं जो गलत है। इस पर प्रशासक प्रवीण कुमार जैन ने ये सरकार का मामला है बोल कर पल्ला झाड़ लिया। नव नियुक्त प्रबंधक संदीप सोलंकी की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं। किसानों द्वारा नगद खाद वितरण केन्द्र खोलने की भी मांग रखी गई। फिलहाल नगद खाद वितरण केन्द्र डही में नहीं होने से 25 किलोमीटर दूर कुक्षी जाना पड़ता है और स्वयं के खर्च से लाना पड़ता है। नगद खाद वितरण केन्द्र डही में खुल जानें से किसानों का फायदा होगा साथ समिति का भी फायदा होगा।
समिति साधारण सभा कार्यक्रम में पूर्व प्रबंधक नरेंद्र सिंह गोहिल, संग्राम सिंह गोहिल,अंशधारी सदस्य धर्मेंद्र सिंह सोलंकी, कपिल दीक्षित, संजय सिंह, कैलाश मालवीया, चंद्र शेखर शर्मा, समिति प्रशासक प्रवीण कुमार जैन,शाखा प्रबंधक यशवंत सिंह राठौड़, संदीप सोलंकी एवं सेल्समैन संस्था कर्मचारी मौजूद रहे। साधारण सभा में नाम मात्र के सदस्यों की उपस्थिति कई सवाल खड़े कर रहीं हैं। कई सदस्यों का कहना है कि उन्हे कोई सुचना नहीं दी गई। समिति प्रशासक प्रवीण कुमार जैन ने आए किसानों को आश्वस्त किया कि आपकी माँग और समस्याओं को संस्था द्वारा बड़े अधिकारीयों को अवगत करा कर शासन तक पंहूचा दी जायेगी।
किसानों के हित में कार्य करने के लिए सरकार द्वारा संचालित सहकारी समिति में ऐसा जान पड़ता है कि कुछ ठीक नहीं चल रहा हैं।