जनपद पंचायत डही की पंचायतों में मनरेगा योजना में भारी फर्जीवाड़ा? जॉच का विषय
किश्त – 2
शासन ने मनरेगा योजना इसलिए चलाई ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब मजदूरों का पेट पल सकें। सरकार ने निचले तबके के लोगों का ध्यान रखते हुए करोड़ो रुपए मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृति भी किए पर जनपद पंचायत में बैठे भ्रष्ट भूखे भेड़िए गरीब आदिवासी मजदूरों के भी रूपए डकार गए। मनरेगा योजना से डही जनपद पंचायत की 45 ग्राम पंचायतों में अनेक तालाब निर्माण किए गए। तालाब ऐसे कि केवल कागजों में खानापूर्ति मात्र के लिए बनाए गए।
जिला अधिकार अगर तालाबों की ईमानदारी से जॉच करे तो सारी पोल खुल सकती हैं। योजना से जुड़े लोग कैसे शासन को चूना लगा रहे हैं। मनरेगा योजना में सारा खेल परसेंटेज का चल रहा हैं। मजदूरों की मजदूरी तो गई भाड़ में सबको बिल की चिंता रहती हैं। क्योंकि उसमें ही सभी को हिस्सा मिलता है। गरीबों के हक पर डाका डालने वाले चैन से नहीं सो पाएंगे। अब इनकी चिंदीचोरी उजागर होगी। जनपद पंचायत के कार्यालय में बैठ कर कागजों पर मनरेगा योजना चलाने वाले अधिकारी जो अपनी जेब भरने में लगे हैं उनकी जॉच होनी चाहिए। जनपद के बाबू जो कि बिना लिए दिए कोई भी छोटा बड़ा काम नहीं करते उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि भोले भाले आदिवासियों के बच्चे पढ़ लिख गए हैं और ये युवा पीढ़ी इन कमीशनखोरों को छोड़ने वाली नहीं है। शासन के रुपयों की बंदरबाट भ्रष्ट अधिकारी कर रहे हैं और बदनाम सरकार हो रही हैं।
ऐसे मामलो में जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देने की आवश्यकता है। क्षेत्र में जो तालाब निर्माण मशीनों से हुए हैं उससे किसी का भला नहीं हुआ है केवल अधिकारियों को छोड़कर। ना किसान को कोई फायदा हुआ ना उस गांव को। ऐसी जगहों पर तालाब बनाए हैं जिनका कोई ओचित्य नहीं है। मोहन सरकार और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस और ध्यान दे नहीं तो ये लोग लुटिया डुबो कर निकल जाएंगे।
क्रमशः…
उजागर करेंगे डही जनपद पंचायत में बैठे दलालों के काले कारनामें
बने रहें हमारे साथ…