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केडिया की धार शराब फैक्ट्री का 18 करोड़ का अवैध शराब घोटाला और रायसेन की सोम डिस्टलरी का अवैध टैंक निर्माण घोटाला : क्या प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी अवकाश से लौटकर अपनी कार्यशैली के अनुसार ऐतिहासिक कदम उठा पायेगी?

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केडिया की धार शराब फैक्ट्री का 18 करोड़ का अवैध शराब घोटाला और रायसेन की सोम डिस्टलरी का अवैध टैंक निर्माण घोटाला : क्या प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी अवकाश से लौटकर अपनी कार्यशैली के अनुसार ऐतिहासिक कदम उठा पायेगी?

साल 2021 आबकारी विभाग की अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया है , रायसेन जिले में सोम डिस्टलरी ने अवैध टैंक बना कर पदस्थ अधिकारियों के सहयोग से शासन के निर्देशों का माखौल उड़ाया , और बिना विशेष फीस दिए करोड़ों रुपए कमाए तथा आबकारी के रायसेन जिले में पदस्थ अधिकारियों एवं डिप्टी कमिश्नर भोपाल के संरक्षण तथा छत्रछाया में शासन की आंख में नासिर्फ धूल बल्कि मिर्ची भी झोंक दी है। अब शासन अर्थात आबकारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा , उनके ओएसडी राजेश हेनरी , और प्रमुख सचिव श्री मती दीपाली रस्तोगी तथा आबकारी आयुक्त श्री राजीव दुबे को यह समझ नहीं आ रहा है कि पहले धूल साफ करें या मिर्च साफ करें ,आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि रायसेन जिले में पदस्थ अधिकारियों के विरुद्ध ना प्रभावी कार्रवाई हो पा रही है और ना ही हाई कोर्ट और विधानसभा में दिए गए आश्वासन और शपथ पत्र का जवाब दिया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी आबकारी विभाग की अवैध शराब की कार्यप्रणाली से और आबकारी अधिकारियों के विरुद्ध उच्च स्तर पर कार्यवाही ना होने से दुखी होकर अवकाश पर चली गई हैं तथा सोमवार को मंत्रालय में जॉइनिंग करेंगी।
ताजा मामला धार जिले स्थित केडिया शराब फैक्ट्री का है जहां आईएएस एसडीएम महू के द्वारा ₹180000000 की अवैध शराब भराई लॉकडाउन के समय पकड़े जाने पर भी देसी शराब के प्रभारी रमाशंकर पांडे , विदेशी शराब की प्रभारी विनीता सागर , धार के सहायक आबकारी आयुक्त और संभाग के डिप्टी कमिश्नर के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं हुई जबकि केडिया के प्रभारी अधिकारी श्री गुप्ता को निलंबित किया गया है यदि श्री गुप्ता प्रभारी अधिकारी होने के कारण निलंबित किए गए हैं ऐसी स्थिति में श्री गुप्ता के अधीनस्थ देसी मदिरा के प्रभारी रमाशंकर पांडे, एवं विदेशी शराब की प्रभारी विनीता सागर , को क्यों निलंबित नहीं किया गया तथा किसके दबाव में यह दोनों अधिकारी ₹180000000 का घोटाला करने के पश्चात भी केडिया फैक्ट्री में काम कर रहे हैं।
क्या तत्काल प्रभाव से आबकारी आयुक्त राजीव दुबे को इन दोनों अधिकारियों को निलंबित नहीं कर देना चाहिए ? अथवा यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि राजीव दुबे किसके दबाव में इन दोनों अधिकारियों को अभी तक पदस्थ किए हुए हैं ?
प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी सोमवार के दिन मंत्रालय ज्वाइन करेंगी तथा धार के सहायक आयुक्त आबकारी एवं डिप्टी कमिश्नर इंदौर के संदर्भ में निर्णय लेंगे, धार झाबुआ अलीराजपुर के रास्ते गुजरात और अरुणाचल प्रदेश एवं ड्राई स्टेट बिहार में अवैध शराब भेजने के संगठित गिरोह के द्वारा प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को हटाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, ।
प्रमुख सचिव एवं आबकारी आयुक्त की प्रतिष्ठा धार शराब फैक्ट्री के 18 करोड़ के अवैध छापे पर तथा हाई कोर्ट एवं विधानसभा में दिए गए वचनों पर दांव पर लग गई, प्रमुख सचिव को तथा आबकारी मंत्री को रायसेन जिले में 2011 के पश्चात पदस्थ समस्त जिलाधिकारियों एवं आबकारी के डिप्टी कमिश्नर के विरुद्ध विभागीय जांच तथा निलंबन की कार्रवाई की जानी चाहिए एवं धार जिले में हुए फैक्ट्री कांड पर आईएस एसडीएम महू, की रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी कमिश्नर इंदौर तथा सहायक आबकारी आयुक्त धार को
स्थानांतरित करके वरिष्ठ तथा ईमानदार अधिकारियों को यहा पदस्थ करना चाहिए ।
प्रश्न उठता है कि आखिर रायसेन जिले में सोम डिस्टलरी केअवैध टैंकों को विनोद रघुवंशी के पूर्व के किसी भी जिला अधिकारी अथवा डिप्टी कमिश्नर ने क्यों नहीं पकड़ा ? , क्यों सभी जिला अधिकारी रायसेन तथा डिप्टी कमिश्नर भोपाल सोम को सपोर्ट करते रहे ? और किस कीमत पर सपोर्ट करते रहे ?? जबकि आबकारी अधिनियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ती रही ।
अब तो पुरे देश मे मध्य प्रदेश को अवैध शराब सप्लाई का स्टेट माना जाने लगा है धार , खरगोन ग्वालियर , एवं रायसेन , में स्थित शराब फैक्ट्रियों के कारण तथा इंदौर एवं भोपाल संभाग में संगठित एवं स्थापित गिरोह के कारण शासकीय राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाते हुए भारी मात्रा में अवैध शराब अन्य राज्यों में भेजी जाती है यह भी देखना दिलचस्प होगा कि प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी जी एक ईमानदार एवं कर्मठ अधिकारी हैं जिनसे इस बात की भी उम्मीद है कि मध्य प्रदेश से अवैध शराब स्टेट का दर्जा खत्म किया जाएगा।
आबकारी विभाग की अवैध गतिविधियों एवं विधानसभा तथा हाईकोर्ट के आश्वासनों पर आने वाले 7 दिन आबकारी विभाग पर भारी पड़ने वाले हैं यह 7 दिन ना सिर्फ शासन की छवि के संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण है बल्कि अवैध शराब व्यापारी विरुद्ध प्रमुख सचिव के मध्य चल रहे अच्छाई ओर बुराई के इस संघर्ष का भी अंतिम निष्कर्ष निकलेगा।

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