डही का मुस्लिम समाज बना क्षेत्र के लोगों के लिये प्रेरणास्रोत
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डही में मुस्लिम समाज द्वारा पिछले जून माह में एक फैसला लेकर समाज में होने वाले मृत्यु भोज पर पाबंदी लगाई थी, जिसका क्षेत्र में अनेक जगहों पर अनुसरण होने लगा है, डही में मुस्लिम समाज द्वारा लिये गए इस फैसले को आगे बढ़ाते हुए अभी तक बड़वानी जिले के बालसमद में मुस्लिम समाज में मृत्यु भोज पर पाबन्दी लग चुकी है, वहीं समीपस्थ नगर कुक्षी में मुस्लिम समाज के ही एक व्यक्ति जिनका नाम जाकीर खान, पीटीआई है, इनके और इनके परिवार द्वारा इनके पिता की मृत्यु होने से उनका चेहल्लुम (चालीसवें की फातिहा) सार्वजनिक रूप से न करते हुए इस पर खर्च की जाने वाली एक मोटी रकम मस्जिद में बच्चों की शिक्षा के उत्थान के लिये दान कर दी गई है, इसी कड़ी में बड़वानी शहर के मुस्लिम समाज के ही बुंदेली परिवार नामक एक खानदान, जिसमें परिवारजनों की तादाद तकरीबन 200 बताई जाती है, के द्वारा अपने परिवार में भविष्य में होने वाली मृत्यु के मौकों पर इस तरह का गैर जरूरी आयोजन न करते हुए, अन्य पुण्यार्थ कामों पर इसमें लगने वाली रकम को खर्च करने का संकल्प लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समाज में इस तरह का कठीन और अनूठा फैसला लेने में डही का मुस्लिम समाज अग्रणी रहा है, जिसे देखते हुए अनेक जगहों पर समाजजनों द्वारा इस तरह की पहल को अपनाया जा रहा है।
अहले सुन्नत बल जमाअत डही के सदर हाजी हिसामुद्दीन कुरेशी और खजांची हारून रशीद खत्री ने बताया कि मुस्लिम समाज के धर्मशास्त्र (शरीयत) में इस तरह की रस्म, रिवाज की कोई जगह नहीं है, इसके बावजूद समाज की एक मोटी रकम इस तरह के आयोजन पर खर्च हो जाती है, जिसके लिये कई बार लोगों को इस तरह की रस्म, रिवाजो की अदायगी के लिये कर्ज लेने के लिये मजबूर होना पड़ता था, लेकिन इस पर पाबन्दी लगने के बाद से कई परिवार जहां इस तरह के कर्ज लेने से राहत महसूस कर रहे है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के गैर जरूरी आयोजन पर खर्च होने वाली मोटी रकम से समाज सुधार के दूसरे कामों को अंजाम दिया जाने लगा है, जिससे समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास को बल और गति भी मिल रही है।
समाज के खजांची खत्री द्वारा बताया गया कि डही में मुस्लिम समाज द्वारा सर्वसम्मति से लिये गये इस फैसले का पालन हर छोटे, बड़े परिवार द्वारा समान रूप से पूरी प्रतिबद्धता से किया जा रहा है तथा जमाअत का पूरा सहयोग किया जा रहा, जिसके लिये जमाअत समाजजनों के प्रति आभार व्यक्त करती है, वहीं यह भी बताया गया कि इस फैसले को अमल करवाने में समाज के नायब काजी खुशनूद बलोच, शाहीद बलोच, शहर सदर मंसूर अहमद सिद्दीकी, साजिद मनियार, फिरोज पठान, मोहम्मदी पंच कमेटी के सदर हाजी असलम खान सिंघल, मोहम्मद सईद खत्री, मोहम्मद हारून खत्री आदि के द्वारा सराहनीय सहयोग किया जा रहा है।
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पुष्पेंद्र मालवीया, G9News