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राम धुन के साथ रामजन्म भूमिपूजन की शुरुआत
जानें अयोध्या में कैसी है तैयारी
राम जन्मभूमि (अयोध्या) कोरोना वायरस महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इस समय दीपावली जैसा माहौल है। अयोध्या नगरी को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया है और लोग राम धुन में मग्न हैं। कोरोना की वजह से लोग कार्यक्रम देखने नहीं जा सकेंगे, लेकिन घर के बाहर रंगोली और छत पर केसरिया झंडा लगाकर खुद की मौजूदगी दर्ज कराने में पीछे नहीं हैं। जन्मभूमि से 2-4 किलोमीटर दूर रहने वाले लोग भी टीवी के जरिए इस उत्सव में शामिल होंगे। पूरी अयोध्या में भूमि पूजन के दिन 55 हजार किलो देशी घी से बने बेसन के 14 लाख लड्डू बांटने की तैयारी भी हो रही है।
● राम मंदिर के भूमि पूजन को महज 30 घंटे से कम का वक्त रह गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जन्मभूमि के आसपास रहने वाले लोगों से गाइडलाइन का पालन करने की एक बार फिर से अपील की है. जन्मभूमि के आसपास करीब चार किलोमीटर के दायरे में बने 300 से ज्यादा घर के लोग कुछ घंटों के लिए अपनी चौखट तक सीमित हो गए हैं।
सोमवार को 12 पुजारियों ने भगवान गणेश की वंदना के साथ राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान की शुरुआत की इसके बाद भगवान राम और देवी सीता के राजवंशों के देवताओं की प्रार्थना की गई। मंगलवार को हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी. बुधवार को मुख्य अनुष्ठान है।
मंदिर को लेकर तैयारियों के संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चंपत राय ने बताया कि भूमि पूजन कार्यक्रम में कुल 175 आमंत्रित अतिथि ही शामिल होंगे. 135 विशिष्ट साधु-संतों के अलावा अन्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल राम मंदिर भूमि पूजन के अनुष्ठान में मुख्य यजमान होंगे।
भूमि पूजन के कार्यक्रम में मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के साथ राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे।
भूमि पूजन का मुहूर्त 32 सेकंड का है, जो दोपहर 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकंड के बीच है। भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 अगस्त की सुबह 8:00 बजे से देवी-देवताओं के आह्वान के साथ शुरू हो जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए रामलला के पोशाक का रंग हरा इस्लाम नहीं, हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है. इसे लेकर किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए समाज के हर तबके से सहयोग मिल रहा है।
भूमि पूजन के दिन अयोध्या के हर घर में चार लड्डू वाला पैकेट पहुंचाया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी निभा रहे ऋषि के मुताबिक, कुल 14 लाख लड्डू बनाए जा रहे हैं, जो कि साढ़े तीन लाख पैकेट में भरे जाएंगे।
100 करोड़ रुपये से बनने वाले राम मंदिर के लिए भक्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को खूब दान-दक्षिणा भी भेज रहे हैं। कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज कह चुके हैं कि इस समय उनके पास दान में आए लगभग 15 करोड़ रुपये रखे हुए हैं। वहीं, मोरारी बापू ने जिस फंड में 5 करोड़ रुपये देने के लिए लोगों से अपील की थी, उसमें 18 करोड़ रुपये आ गए हैं।
देशभर से लोग रामलला को चांदी की ईंट भेंट करने का ऐलान कर रहे हैं. हालांकि, ट्रस्ट उन्हीं ईटों की गिनती कर रहा है, जो कार्यालय के रिकॉर्ड में आ रही हैं। अनुमान है कि अब तक क्विंटल भर से ज्यादा चांदी की शिलाएं आ चुकी हैं. वहीं, लगभग 500 से ज्यादा कलश कार्यालय पहुंच गए हैं, जिनसे पूरा एक कमरा भर गया है।
पीएम मोदी मंदिर निर्माण के लिए शिलापट्ट का भी अनावरण करेंगे।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, बताया जा रहा है कि वो तबीयत खराब होने की वजह से इस अनुष्ठान में शामिल नहीं होंगे।
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