मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है.प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच बयानों के घमासान में अब पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कूद पड़े है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजयसभा सदस्य दिग्विजय सिंह पर साधा है.सिंधिया ने वनमंत्री उमंग सिंगार के द्वारा लगाए गए संगीन आरोपों के सवाल पर कहा की सरकार को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए,इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।कमलनाथ जी को दोनों पक्षों को बैठकर सलाह मशवरा करना चाहिए और उमंग सिंगर की बातों को सुनना चाहिए। सिंधिया ने आगे कहा की प्रदेश में 15 साल बाद बड़ी मुश्किल सेसरकार बनी है और अभी छः महीने भी नहीं हुए है.सरकार से प्रदेश की जनता को अनेको आशाएं है.वनमंत्री ने जो मुद्दे उठाये है,वः भी समझना जरुरी है,आरोप गंभीर है.इनकी जाँच होनी चाहिए।सिंधिया से जब पूछा गया की सरकार में हस्तक्षेप हो रहा है तोउन्होंने कहा की आप[मिडिया]मुझसे कुछ बुलवाना चाहते है लेकिन मै कुछ नहीं बोलूंगा।वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में एक गरीब उपभोक्ता का 16892 रु.का बिजली बिल लहराते हुए कहा की उमंग सिंगार ने कमलनाथ सरकार की सच्चाई बताई तो धमकाते हुए आदिवासी मंत्री का अपमान किया जा रहा है.उनके पुतले जलाये जा रहे है.तबादलों के रेट भी निर्धारित है। प्रदेश सरकार में लूट का माल बाटने की लड़ाई चल रही है। 
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