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खाद के लिए परेशान होता डही क्षेत्र का अन्नदाता। बाजार में खाद की कालाबाजारी करके ऊंचे दामों पर बेचकर किसानों का शोषण किया जा रहा है। किसान परेशान…कब होगा समाधान?

खाद के लिए परेशान होता डही क्षेत्र का अन्नदाता 

बाजार में खाद की कालाबाजारी करके ऊंचे दामों पर बेचकर किसानों का शोषण किया जा रहा है।

किसान परेशान…कब होगा समाधान?

कभी मौसम की बेरूखी तो, कभी बिजली से परेशान तो कभी खाद,दवा के लिए भटकता किसान आखिर जाए तो जाए कहां? और अपना दुखड़ा सुनाएं तो सुनाएं कहां?

डही जनपद क्षेत्र में यूरिया खाद को लेकर किसान परेशान हैं वही सोसायटीयो में समय पर खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहा है वहीं बाजार में खाद की कालाबाजारी करके ऊंचे दामों पर बेचकर किसानों का शोषण किया जा रहा है। वही प्रशासन को चाहिए की क्षेत्र के अन्नदाताओं को समय पर खाद उपलब्ध कराया जाए। वही देखा जाए तो एक तरफ कभी बारिश की बेरुखी और दूसरी तरफ खाद की किल्लत दोनों तरफ से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही फसले फूल पर आने से खाद की मांग अधिक है ऐसे में खाद नहीं मिलने से किसान परेशान है।

व्यापारियों पर मनमानी दाम पर खाद बेचने का आरोप

किसानों का कहना है कि व्यापारी मनमानी कर रहे हैं। आलम ये है कि बाजार में 266 रुपए का यूरिया 500 550 रुपए में बेचा जा रहा है. वहीं 1300 रुपए के डीएपी के 1 600 रुपए वसूले जा रहे हैं, जिससे अन्नदाता परेशान हैं।

किसानों द्वारा क्षेत्र में कृषि अधिकारी से बाजार में यूरिया खाद की कालाबाजारी रोकने की मांग की है। किसानों ने जल्द कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

डही क्षेत्र के अन्नदाताओं का कहना है कि डही क्षेत्र में यूरिया की किल्लत है। दुकानदार मनमानी कीमत ले रहे हैं। शासन के निर्धारित रेट में यूरिया बिकना चाहिए। वही किसान ऊंचे दामों पर खाद खरीदना मजबूरी बनी हुई हैं और वह व्यापारियों के खिलाफ नहीं बोल पाते।

टोल फ्री या हेल्पलाइन नंबर जारी करने की मांग

क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस कालाबाजारी को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें और उनका नंबर सार्वजनिक करें ताकि ज्यादा कीमत में यूरिया बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ किसान शिकायत कर सकें। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर जारी किया जाए।

क्या है कीटनाशक दवा एवं खाद बेचने के सरकारी नियम

कृषि के लिए कीटनाशक दवा की दुकान खोलने के लिए अब कृषि का डिप्लोमा करने के साथ कृषि विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी। खेती के लिए कीटनाशक दवा की दुकान खोलने के लिए अब कृषि का डिप्लोमा करने के साथ कृषि विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसके बिना कीटनाशक दवा नहीं बेच सकते।

खाद एवं दवाइयां का पक्का बिल जरूर ले किसान

कृषि विभाग के अनुसार किसानों को सलाह दी गई है कि जब भी किसी व्यापारी से खाद एवं दवाइयां ले तो उसका पक्का बिल जरूर ले जिससे खाद की कालाबाजारी को रोका जा सके लेकिन किसानों को बिल नहीं दिया जाता है।

किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले नेता भी बने हैं मूकदर्शक

डही क्षेत्र वैसे तो देखा जाए तो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां भाजपा – कांग्रेस के कई वरिष्ठ आदिवासी नेता है पर कोई किसानों के हित एवं अधिकार की बात नहीं करता। यहां के किसान एवं आदिवासी समाज सिर्फ चुनाव के समय याद आते हैं।

वही डही क्षेत्र में खाद व्यापारियों के कई गोदाम है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी खाद का भंडारण किया जाता है। एवं सुबह-सुबह या रात के अंधेरे में खाद के वारे – न्यारे (बेचा ) किये जा रहे हैं। समय समय पर गोदाम एवं स्टॉक की भी जांच होना चाहिए। साथी ही कई सेल्समैन भी खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं।

अभी तक हमारे समक्ष में कोई मामला नहीं आया है, अगर कोई मामला आता है तो हम उसपर कार्रवाई करेंगे।

जितेंद्र सोलंकी, कृषि अधिकारी विकासखंड डही

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